उत्तराखंड

1 करोड़ से अधिक की साइबर धोखाधड़ी: गुजरात से गिरोह का मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार

दिनांक 4 जून 2024 को उत्तराखण्ड एसटीएफ साईबर क्राइम पुलिस टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने एक ऐसे गिरोह का मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार किया है जो शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग की विभिन्न फर्जी वेबसाइट बनाकर निवेशकों से 1 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुका है।

 

 

 

ऋषिकेश देहरादून निवासी एक शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि अज्ञात अभियुक्तों ने कॉल और व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से संपर्क कर उन्हें विभिन्न तारीखों पर अलग-अलग मोबाइल नंबरों से शेयर मार्केट में निवेश करने का लालच दिया। इन अभियुक्तों ने खुद को नामी गिरामी ट्रेडिंग कंपनियों के प्रतिनिधि बताकर शेयर मार्केट और स्टॉक ट्रेडिंग में अधिक लाभ कमाने का झांसा दिया। उन्होंने विभिन्न लिंक भेजकर और शेयर ट्रेडिंग हेतु खाता खुलवाकर शिकायतकर्ता से अलग-अलग ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल 1,39,78,000/- रुपये की धोखाधड़ी की।

 

 

 

इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मु0अ0सं0 27/2024 धारा 420, 120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल के निर्देशन में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के निरीक्षक श्री विजय भारती को विवेचना सौंपी गई।

 

 

 

तकनीकी विश्लेषण और साक्ष्य संकलन के आधार पर, पुलिस टीम ने अभियुक्त की पहचान की और उसे कामरेज चौकड़ी, सूरत, गुजरात से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान 47 वर्षीय निवासी 673, स्ट्रीट नं0 A3, बराज नन्दनी रेजीडेन्सी, कामरेज, सूरत, गुजरात के रूप में हुई।

 

 

 

अभियुक्त से निम्नलिखित वस्तुएं बरामद की गईं:

1. एक सैमसंग काला रंग का मोबाइल फोन

2. आधार कार्ड

3. पैन कार्ड

4. एक ब्लैंक चैक

5. एक बैंक जमा पर्ची

6. एक भूरे रंग का खाली पर्स

 

 

 

अभियुक्त और उसके साथियों ने विभिन्न कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाईं और खुद को शेयर मार्केट/स्टॉक ट्रेडिंग कंपनियों के अधिकारी/कर्मचारी बताकर आम जनता की मेहनत की कमाई हड़पने की योजना बनाई। व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के माध्यम से लोगों को शेयर मार्केट में निवेश के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें विभिन्न व्हाट्सएप/टेलाग्राम ग्रुप में जोड़कर फर्जी ऐप डाउनलोड कराए गए। इसके बाद निवेश के नाम पर धोखाधड़ी की गई और प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में जमा कराया गया।

 

पुलिस टीम

इस महत्वपूर्ण गिरफ्तारी में निम्नलिखित पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

1. निरीक्षक विजय भारती

2. उ0नि0 हिम्मत सिंह

3. कांस्टेबल नीरज नेगी

4. कांस्टेबल योगेश्वर प्रसाद

 

 

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि ऑनलाइन जॉब अथवा निवेश/ट्रेडिंग के लिए किसी भी फर्जी वेबसाइट, मोबाइल नंबर या लिंक का प्रयोग न करें। किसी भी प्रकार की ऑनलाइन जॉब के लिए आवेदन करने से पूर्व संबंधित साइट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, संबंधित कंपनी आदि से भली-भांति जांच-पड़ताल अवश्य कर लें। गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर को सर्च न करें। कोई भी संदेह होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, गिरफ्तारी के साथ-साथ साइबर पुलिस द्वारा जन जागरूकता के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है।

 

 

 

उत्तराखण्ड एसटीएफ साईबर क्राइम पुलिस टीम की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्रवाई अन्य साइबर अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि वे किसी भी हालत में कानून से बच नहीं सकते। पुलिस की सतर्कता और तत्परता के कारण, ऐसे अपराधों पर नियंत्रण पाने में सफलता मिल रही है और आम जनता को न्याय मिल रहा है। इस प्रकार की कार्रवाई से समाज में सुरक्षा की भावना मजबूत होती है और लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ता है।

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